वीर जवान

गुरुवार, 3 सितंबर 2009


कारगिल की लड़ाई में इंडियन आर्मी ने वीरता का अमर इतिहास रचा, बहादुर

जवानों ने फ़िर साबित किया हिंदुस्तान और हिंदुस्तानिओं के बुलंद हौंसले का दुश्मन

कभी सामना नहीं कर सकता....


तारीख की जुबानी, कारगिल की कहानी



  • दो मई, 1999 - चरवाहों ने कुछ घुसपैठियों को देखा
  • 10 मई - कई और जगहों पर भारतीय सीमा में अतिक्रमण देखा गया
  • 26 मई - ऑपरेशन विजय शुरु हुआ.
  • 27 मई - भारतीय वायुसेना के दो विमान मार गिराए गए.
  • एक जून - पाकिस्तान की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग पर बमबारी
  • तीन जून - रेड क्रॉस ने लेफ़्टिनेंट नचिकेता को भारत को सौंपा

टाइगर हिल पर क़ब्ज़ा

  • छह जून - भारत ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री सरताज अजीज को दिल्ली आने से मना किया.
  • 8 जून - प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्र को संबोधित किया.
  • 13 जून - तोलोलिंग पर भारतीय सेना ने क़ब्ज़ा किया.
  • चार जुलाई - टाइगर हिल पर भी भारत का क़ब्ज़ा.
  • पांच चुलाई - क्लिंटन- नवाज शरीफ़ का साझा बयान, पाकिस्तान पीछे हटने को तैयार
  • 11 जुलाई - पाकिस्तानी सेना का हटना शुरु.
  • 26 जुलाई - भारतीय सेना प्रमुख एनसी विज़ ने ऑपरेशन विजय ख़त्म करने की घोषणा की.

veerjawan

बुधवार, 2 सितंबर 2009

गाजियाबाद के अमर शहीद

आजादी के बाद गाजियाबाद के ६५ रणबांकुरों ने इसकी हिफाजत में अपनी जान गंवाई है। गाजियाबाद के शहीदों की सूची...

आपरेशन कश्मीर
१. हवलदार मंजीत सिंह, राजपूत रेजीमेंट-१९४८
इंडो चाइना वार-१९६२
२. अमरपाल सिंह, आम्ड कैंप
३. ओमप्रकाश त्यागी, मेडिकल कैंप
४. नायक तेज सिंह, राजपूत रेजीमेंट
५. रनवीर सिंह, राजपूत रेजीमेंट
६. लायकराम, राजपूत रेजीमेंट
७. बनारसी दास कौशिक, राजपूत रेजीमेंट
८. मलखान सिंह, राजपूत रेजीमेंट
९. हरपाल सिंह, राजपूत रेजीमेंट
१०. रुमाल सिंह, राजपूत रेजीमेंट

भारत-पाक युद्ध-१९६५
११. जयपाल सिंह, जाट रेजीमेंट
१२.हुकुम सिंह, महार रेजीमेंट
१३. मगन सिंह, जाट रेजीमेंट
१४.राजपाल

भारत-पाक युद्ध-१९७१
१५. भारत सिंह कसाना, डोगरा रेजीमेंट
१६. विशंबर सिंह, राजपुताना राइफल्स
१७. ओमप्रकाश, राजपुताना राइफल्स
१८. राजेंद्र सिंह
१९. बिरेंद्र सिंह, ग्रेनेडियर रेजीमेंट
२०. बिशन लाल, राजपूत रेजीमेंट
२१. रतन सिंह, ग्रेनेडियर रेजीमेंट
२२.राजबीर सिंह, पंजाब रेजीमेंट
२३. देवदत्ता, राजपूत रेजीमेंट
२४. बिजेंद्र सिंह चौहान
२५. टीकम सिंह, राजपूत रेजीमेंट
२६. बिशंबर
२७. मोहिंदर सिंह, राजपूत रेजीमेंट
२८. मेहंद्र सिंह, आटिलरी रेजीमेंट
२९. मोहनपाल सिंह, राजपूताना राइफल्स
३०. रामपाल, राजपूताना राइफल्स
३१. आशिक अली, राजपूताना राइफल्स
३२. श्यामलाल शरमा, बीईजी रुडकी

आपरेशन पवन युद्ध
३३. किशन पाल, आरटिलरी रेजीमेंट
३४. राजपाल सिंह राना, आरटिलरी रेजीमेंट
३५. राजपाल सिंह, जाट रेजीमेंट
३६. बलजीत सिंह, जाट रेजीमेंट

आपरेशन मेघदूत
३७. हरविंदर सिंह, जाट रेजीमेंट
३८. नरेंद्र कुमार, राजपूत रेजीमेंट

आपरेशन करगिल विजय
३९. चमन सिंह, राजपुताना राइफल्स
४०. सतपाल सिंह, राजपुताना राइफल्स
४१. सुरेंद्र पाल सिंह, कुमाऊ रेजीमेंट
४२. ओमप्रकाश सिंह, राजपुताना राइफल्स

आपरेशन र&क
४५. गुरिंदर सिंह, बिहार रेजीमेंट
४६. कृष्ण कुमार, जाट रेजीमेंट
४७. मोहन सिंह, पांच राजपुताना रेजीमेंट
४८. यशपाल, आरटिलरी
४९.राजेंद्र सिंह, १२ जाट रेजीमेंट

आपरेशन जंबू कश्मीर वैली
५०. भीम सिंह
५१. विनोद कुमार
५२. मनोज कुमार
५३. अरजुन सिंह
५४. राजीव कुमार
५५. सुनील
५६.सुभाष चंद
५७. सुशील कुमार
५८. सुधीर कुमार
५९. आनंद कुमार
६०. वीर अरजुन
६१. यशपाल सिंह
६२. गजेंद्र सिंह
६३. संजय सिंह
६४. सुधीश कुमार
६५. मोहित शरमा

मदनलाल ठींगरा का बलिदान

भारतीय स्वाधिनता संग्राम के हिसाब से यह साल बहुत महत्वपूण है। सौ साल पहले महात्मा गांधी ने हिंद स्वराज की रचना की थी। यह पुस्तक तब लिखी गई, जब गांधी बड़े नायक नहीं थे। इसके बाद भी उन्होंने आजादी के बाद के भारत में होने वाले शासन की कल्पना की थी। दूसरी महत्वपूरण घटना ये है कि सौ साल पहले भारतीय नौजवान मदनलाल ठीगरा ने लारड करजन को इंग्लैड में गोली मारी थी। ठींगरा भारत से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने इंग्लैड गए थे। १७ अगस्त को ठींगरा को इंग्लैंड में फांसी दी गई। उस समय ठींगरा की बहादुरी ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी थी। इस साल गांधी जी की किताब पर कुछ कायक्रम जरुर आयोजित किए गए हैं,लेकिन मदनलाल की बहादुरी पर सरकार और संगठनों की तरफ से कोई कायक्रम नहीं हुए। यह अलग बाद ही कि ठींगरा की शहादत के बाद मैडम भीकाजी कामा ने कहा था कि आजाद मुल्क में ठींगरा की तस्वीरे हर चौराहे पर होंगी। पूरी दुनिया का ध्यान अपनी शहादत से भारत की तरफ आकषित करने वाले ठींगरा की शहादत को शायद जनता ने भुला दिया है। मदनला के पिता ने भी तब अपने वीर बेटे के बलिदान को गलत करार दिया था। उन्हे को अंग्रेजों से मिलने वाली सहायता और रकम का लालच था, लेकिन भारतीय राजनेता भी सत्ता के मद में शहीदों के बलिदान को भूले बैठे हैं। अब वक्त आ गया है कि जनता अपनी तरफ से पहल करे और शहीदों को उनका सम्मान दे। जब देश में राजनेता अपना बुत लगाने में जुटे हों और सरकारे अपना प्रचार तो फिर देश का आना वाले हाल का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में युवाओं को ठींगरा की तरह की साहस करने की जरुरत है।

गुरुवार, 27 अगस्त 2009

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गुरुवार, 20 अगस्त 2009


उस देश की सरहद को कोई छू नहीं
सकता

जिस
देश की निगहबान हों
आँखें

















हिंदुस्तान के अमर बलिदानियों और बहादुर सैनिकों को समर्पित ब्लॉग
जो जंग- ऐ-आजादी, आजाद भारत के वीरता के इतिहास को सामने लाएगा...

ब्लॉगर.. गौरव त्यागी, अनुरोध भारद्वाज